SHABDON KI DUNIYA MEI AAPKA SWAGAT

Wednesday, October 12, 2011

avi humara kavi

अवि 
हमारे कवि
अभी बैठे ही थे
की ख्याल आया
नहीं नहीं हमारा मोबाइल हमको याद दिलाया
अवि-अवि -जन्मदिन
मतलब जन्मदिन
हाँ   भैय्या  जनम दिन  
हामारे अवि का 
हमारे कवि का 
कवि नहीं ,सिर्फ कवि नहीं 
हमारा photographer
हमारा छोटू ,हमारा.........

सोचा  कि तुम्हे  कुछ  भेजूं 
आखिर  लेखक और कवि का b` day है
किताब  घर  गया 
वहां  पर  उलझ  गया
तभी पार्क  किनारे  बैठ  गया

एक  एकांत  था 
एक नन्हा  सा  पौधा 
उस  पर पानी  कि एक बूँद 
एक छ्होती  सी चिड़िया 
इक गुलाब 
हाँ भैय्या  चिड़िया और गुलाब
तुम्हारे  dssw hostel कि चिड़िया
चूँ -चूँ  कर  रही  है वो
देखोव  कैसे  देख  रही है   वो
शायद  उसको मुझसे  कुछ शिकात्यत  है
शायद  मुझसे गुस्सा  है
मैंने  dssw क्यूँ  छुड़ा  पूंछ  रही है
और शिकायत  क्या है
तुम्हे बताना  है
गेस  लगाना  है

अभी भी नहीं सोच पाया  क्या दूं तुम्हे 
जिसने 
हमारा इतिहास photo,video,से सजाया  है
उसको जिसको  कृष्ण  ने  immature कह  ठुकराया  है
उसको जिसको हमने  खूब  छोटो  और आशिक  कह चिढाया  है
उसको जो हर  चीज  में  कवितायेँ   देखता  है 
सिर्फ और सिर्फ प्रेम  कि कवितायेँ  समाज  को ताक  पर रख  कर भी
उसो  जो सिर्फ ख्यालों  में रहता  है
वो जो  icecream and lemon tea का सरताज  कह लाया  है
वो जो भिखारियों  का रखवाला  है
उसको जिसने इक लड़की  ने भैय्या बनाया  है
उसको जो नादाँ  तो  नहीं है
लेकिन  फिर 
 भी नादानी सी करना चाहता है
और नादानी किये  जा  रहा है
बहुत कुछ फर्क  पड़ेगा इस से वो सोच नहीं पा रहा है

क्या दूंउसको जो है इक सिर्फ बैजू जुबानी
हम सब दोस्त stanzin ,मजहर,दीना,आभा और उजियारा कि common  कहानी
क्या दूं अपने अवि को 
हमारे कवि को
आभा के भाई को 

तभी ख्याल आया 
किसको क्या प्यारा 
लेखक को लेखनी
बत्समन को बात
सुनार को सोना
नाविक को नाव
योध्हा को तलवार
और कवि को 
हाँ हाँ 
कवि को 
हमारे अवि 
क्या प्यारा 
     -कविता