तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैंजिधर से निकलता हूँ उधर ही घेर लेते हैं
हर रोज़ निकलता हूँ इक नए लिवास में
और ये रोज़ मुझे नंगा कर देते हैं
तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैं
डर से बत्तियां बुझा देता हूँ
अँधेरे में चुपचाप बैठ जाता हूँ
ये चिंगारी से शोले बन
यहाँ आग लगा देते हैं
तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैं
जिधर से निकलता हूँ उधर ही घेर लेते हैं
इनसे बचने को
आँखें बंद कर लेट जाता हूँ
सोने के बहाने से
और ये बेदर्दी,जुल्मी,
सपनों में आ आकर
नाहक ही मुझ पर अत्याचार करते हैं
न सोने देते हैं और न जगने देते हैं
तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैं
जिधर से निकलता हूँ उधर ही घेर लेते हैं
तरस नहीं आता इन्हें मेरी पथराई आँखों पर
जो महीनों से निंद्रा से नहीं मिली हैं
अब तो तेरे ये
बिन बात के
सौ हाथ के
साए
न रोने देते हैं
न हँसने
न जीने देते हैं
और न मरने
तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैं
तेरे साए को मेरी रूह से इतनी मोहब्बत कैसे हो गई
मुझे तो तुझ से भी इतनी मोहब्बत कभी न थी
फिर क्यूँ तेरा साया
हर शाम.हर सुबह हर रात
हर सड़क,हर पल,हर पत्ता पत्ता
हर दरख़्त ,हर ख्हाव,हर नींद
मेरा पीछा करता है .....
तेरे साए अब सिर्फ और सिर्फ मेरा पीछ्हा करते हैं
लगता है अब तो ये मेरी मौत का इंतज़ार करते हैं
हर रोज़ निकलता हूँ इक नए लिवास में
और ये रोज़ मुझे नंगा कर देते हैं
तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैं
डर से बत्तियां बुझा देता हूँ
अँधेरे में चुपचाप बैठ जाता हूँ
ये चिंगारी से शोले बन
यहाँ आग लगा देते हैं
तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैं
जिधर से निकलता हूँ उधर ही घेर लेते हैं
इनसे बचने को
आँखें बंद कर लेट जाता हूँ
सोने के बहाने से
और ये बेदर्दी,जुल्मी,
सपनों में आ आकर
नाहक ही मुझ पर अत्याचार करते हैं
न सोने देते हैं और न जगने देते हैं
तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैं
जिधर से निकलता हूँ उधर ही घेर लेते हैं
तरस नहीं आता इन्हें मेरी पथराई आँखों पर
जो महीनों से निंद्रा से नहीं मिली हैं
अब तो तेरे ये
बिन बात के
सौ हाथ के
साए
न रोने देते हैं
न हँसने
न जीने देते हैं
और न मरने
तेरे साए अब मेरा पीछा करते हैं
तेरे साए को मेरी रूह से इतनी मोहब्बत कैसे हो गई
मुझे तो तुझ से भी इतनी मोहब्बत कभी न थी
फिर क्यूँ तेरा साया
हर शाम.हर सुबह हर रात
हर सड़क,हर पल,हर पत्ता पत्ता
हर दरख़्त ,हर ख्हाव,हर नींद
मेरा पीछा करता है .....
तेरे साए अब सिर्फ और सिर्फ मेरा पीछ्हा करते हैं
लगता है अब तो ये मेरी मौत का इंतज़ार करते हैं
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