इस दीवाली पे मकसद हो हमारा
सबके घर हो उजियारा
उन के घर भी जिन के घर को
हमने अपनी रौशनी के खातिर है उजाडा
उनके घर भी जिनके घर
जो रहे हैं हमेशा से बेसहारा
उनके घर भी
जिनको जीत में कहीं
भुला दिया गया
अभिमान के खातिर
आर्यन के खातिर
यज्ञं के खातिर
जिनको बना डाला
शूद्र ,अति शूद्र और चान्डाला
अपनी दीवाली के खातिर
जिनका निकाल दिया हमने दीवाला
चाहे फिर वो रावन हो या बाली बल बाला
या फिर हो छत्तीसगढ़ ,झारखण्ड के वन का रखवाला
अब
फिर से मौका है
उन सब के घर फ़ैलाने का उजाला
उनके घर जिनके घर
अभी तक फैलाया है
हमने सिर्फ अँधियारा
आओ
भैय्या
फैलाये इस जग में
अपनी अपनी
सामर्थ्य का
'' उजियारा''
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